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शिलाजीत के फायदे और नुकसान(Benefits and Side Effects of Shilajit)

                  शिलाजीत के फायदे और नुकसान   शिलाजीत का स्वाद  शिलाजीत स्वाद में कसैल, गर्म और ज्यादा कडवा होता है। इसमें से गोमूत्र की तरह की गंध आती है।  शिलाजीत के प्रकार यह चार प्रकार का होता है।  स्वर्ण। रजत। लौह और ताम्र। शिलाजीत के लाभ यौन तकात   शिलाजीत का सबसे पहला और अहम फायदा यह है कि यह पुरूषों की यौन क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही यह शीध्रपतन को भी रोकता है।  शिलाजीत वीर्य को भी बढ़ाता है। शिलाजीत का सेवन करते हुए आपको मिर्च मसाले, खटाई और अधिक नमक के सेवन से परहेज करना है। स्वपनदोष की समस्या शिलाजीत में केसर, लौहभस्म और अम्बर को मिलाकर सेवन करने से स्पनदोष ठीक हो जाता है। और पुरूष की इंद्री यौन इच्छा के लिए प्रबल हो जाती है। यह उपाय करते समय भी अधिक खटाई और मिर्च मसालों के सेवन से बचें। तनाव की समस्या  शिलाजीत का सेवन करने से तनाव को पैदा करने वाले हार्मोन्स संतुलित हो जाते हैं जिससे इंसान को टेंशन की समस्या नहीं होती है।  ताकत   तुरंत उर्जा देता है शिलाजीत। इसमें अधिक मौजूद विटाम...

आयुर्वेदिक उपायों से वजन घटाएं,Lose weight with Ayurvedic remedies

  आयुर्वेदिक उपायों से वजन घटाएं – प्राकृतिक और स्वस्थ तरीके आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर आधारित है। वजन घटाने के लिए आयुर्वेद प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके प्रदान करता है जो न केवल शरीर को स्वस्थ बनाते हैं बल्कि समग्र कल्याण में भी योगदान देते हैं। आइए जानते हैं वजन कम करने के कुछ आयुर्वेदिक उपाय। 1. आहार (Diet) पर नियंत्रण • आयुर्वेद के अनुसार, सही आहार वजन घटाने की कुंजी है। • नियमित रूप से गर्म पानी पिएं – गर्म पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। • हल्का और संतुलित आहार लें – ताजा, मौसमी फल, सब्जियां, दलिया और जौ जैसे हल्के अनाज खाएं। तले हुए और भारी भोजन से बचें। • मसालों का प्रयोग बढ़ाएं – अदरक, काली मिर्च, हल्दी और दालचीनी जैसे मसाले शरीर की चयापचय दर (Metabolism) को बढ़ाते हैं और वजन घटाने में सहायक होते हैं। • शहद और नींबू पानी – हर सुबह गुनगुने पानी में शहद और नींबू मिलाकर पिएं। यह चर्बी को घटाने में मदद करता है। 2. व्यायाम और योग • आयुर्वेद में नियमित व्यायाम और योग को बहुत महत्...

पीठ दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic solution for Back Pain)

              पीठ दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार पीठ दर्द आज के समय में एक आम समस्या बन गई है, जिसका सामना युवा और बुजुर्ग सभी को करना पड़ रहा है। आधुनिक जीवनशैली, शारीरिक श्रम की कमी, गलत मुद्रा (पोश्चर) और तनाव इस समस्या के मुख्य कारण हैं। आयुर्वेद, जो कि एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, इस समस्या का प्राकृतिक और स्थायी समाधान प्रदान करता है। पीठ दर्द के कारण आयुर्वेद के अनुसार, पीठ दर्द मुख्य रूप से वात दोष के असंतुलन के कारण होता है। वात दोष शरीर में गति और लचीलापन बनाए रखता है, लेकिन जब यह असंतुलित हो जाता है तो जोड़ों, नसों और मांसपेशियों में सूजन और दर्द उत्पन्न होता है। इसके अलावा, पाचन तंत्र की कमजोरी, अनुचित खानपान और मानसिक तनाव भी पीठ दर्द का कारण बनते हैं। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से उपचार आयुर्वेदिक उपचार का उद्देश्य शरीर में वात, पित्त और कफ के संतुलन को बनाए रखना है। पीठ दर्द के लिए निम्नलिखित आयुर्वेदिक उपाय प्रभावी माने जाते हैं: 1. अभ्यंग (तेल मालिश): अभ्यंग या तेल मालिश आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्धति है। नियमित रूप से तिल का ते...

पीलिया (Jaundice) का आयुर्वेदिक समाधान (Ayurvedic solution for jaundice)

        पीलिया (Jaundice) का आयुर्वेदिक समाधान पीलिया एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है जो मुख्य रूप से यकृत (लिवर) की कमजोरी या उसके सही ढंग से काम न करने के कारण होती है। आयुर्वेद में इसे "कामला रोग" के नाम से जाना जाता है। पीलिया में त्वचा, आँखें और नाखून पीले हो जाते हैं। इसका मुख्य कारण शरीर में बिलीरुबिन (bilirubin) का असंतुलन है। पीलिया के लक्षणों में थकान, भूख न लगना, पेट में दर्द, कमजोरी और कभी-कभी बुखार शामिल होते हैं। आयुर्वेद में इस रोग का उपचार प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से किया जाता है। पीलिया के कारण • यकृत की कमजोरी • पित्त दोष का असंतुलन • अत्यधिक शराब का सेवन • अस्वस्थ आहार और जीवनशैली • वायरल इंफेक्शन (हेपेटाइटिस A, B, C) आयुर्वेदिक दृष्टिकोण आयुर्वेद के अनुसार, पीलिया मुख्य रूप से पित्त दोष के कारण होता है। जब पित्त दोष में असंतुलन आता है, तो यह यकृत को प्रभावित करता है और पाचन क्रिया में गड़बड़ी करता है। आयुर्वेद में यकृत की सफाई और पाचन तंत्र को सुधारने के लिए कई उपाय सुझाए गए हैं। आयुर्वेदिक उपचार 1. भृंगराज (Eclipta ...

वायरल बुखार का आयुर्वेदिक समाधान (ayurvedic solution for viral fever)

            वायरल बुखार का आयुर्वेदिक समाधान वायरल बुखार एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जो मौसम परिवर्तन, दूषित जल या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह बुखार त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के असंतुलन से उत्पन्न होता है। इस रोग में शरीर में थकान, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, गले में खराश और कमजोरी जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। आयुर्वेद में वायरल बुखार के उपचार के लिए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और घरेलू उपायों का सहारा लिया जाता है, जो इम्यूनिटी को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। वायरल बुखार के लक्षण (Symptoms of Viral Fever) 1. तेज बुखार 2. सिरदर्द और बदन दर्द 3. गले में खराश और खांसी 4. ठंड लगना 5. थकान और कमजोरी 6. जोड़ों में दर्द 7. भूख में कमी आयुर्वेद में वायरल बुखार के मुख्य कारण दूषित आहार और जल शरीर की इम्यूनिटी का कमजोर होना मौसम में बदलाव अधिक ठंडा या गरम खाद्य पदार्थों का सेवन मच्छरों या कीटों का संक्रमण आयुर्वेदिक समाधान (Ayurvedic Remedies for Viral Fever) 1. गिलोय (Tinospora Cordifolia) गिलोय को ‘अमृता’ कहा...

स्वस्थ यकृत (लिवर) के लिए आयुर्वेदिक उपाय(Ayurvedic solutions for Healthy Liver)

      स्वस्थ यकृत (लिवर) के लिए आयुर्वेदिक उपाय यकृत (लिवर) हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मुख्य भूमिका निभाता है। आयुर्वेद के अनुसार, लिवर को स्वस्थ रखने के लिए सही आहार, जीवनशैली और औषधियों का पालन आवश्यक है। आइए जानते हैं लिवर को स्वस्थ रखने के आयुर्वेदिक उपाय। 1. लिवर का महत्व और कार्य लिवर शरीर में रक्त को शुद्ध करने, पित्त (bile) के निर्माण और पाचन में सहायता करता है। यह चयापचय (metabolism) को नियंत्रित करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। अगर लिवर स्वस्थ नहीं रहता, तो यह पाचन समस्याएं, थकान, और त्वचा रोग जैसी कई बीमारियों का कारण बन सकता है। 2. आयुर्वेद में लिवर स्वास्थ्य का महत्व आयुर्वेद में लिवर को "यकृत" कहा जाता है, और इसे पित्त दोष से जुड़ा हुआ माना जाता है। यदि पित्त दोष बढ़ जाता है, तो लिवर कमजोर हो सकता है। इसलिए पित्त को संतुलित रखना लिवर के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। 3. लिवर को स्वस्थ रखने के आयुर्वेदिक उपाय 1. आहार पर ध्यान दें हरी सब्जियां और फलों का सेवन – पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, ग...

आयुर्वेद में बाल झड़ने का समाधान(hair loss solution in ayurveda)

              आयुर्वेद में बाल झड़ने का समाधान परिचय : बाल झड़ना आज के समय में एक आम समस्या बन गई है। प्रदूषण, तनाव, असंतुलित आहार और रसायनों से भरे उत्पादों का अधिक उपयोग बालों की जड़ों को कमजोर कर देता है। आयुर्वेद, जो एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, में बालों की देखभाल के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय उपलब्ध हैं। आयुर्वेद के अनुसार बाल झड़ने के कारण: 1. पित्त दोष का असंतुलन: शरीर में पित्त का असंतुलन बालों की जड़ों को कमजोर करता है, जिससे बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं और झड़ने लगते हैं। 2. वात दोष: अधिक तनाव, अनियमित दिनचर्या और गलत आहार के कारण वात दोष बढ़ जाता है, जिससे बाल पतले हो जाते हैं। 3. कफ दोष: सिर की त्वचा में तेलीयता बढ़ने से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं। 4. अनहेल्दी आहार और जीवनशैली: पोषक तत्वों की कमी और अत्यधिक फास्ट फूड का सेवन भी बालों की सेहत पर बुरा असर डालता है। आयुर्वेदिक समाधान: 1. आयुर्वेदिक तेल मालिश (Abhyanga): आंवला, भृंगराज, ब्राह्मी, नारियल और तिल के तेल से मालिश करने से बालों की जड़ें मज...

कब्ज: एक आयुर्वेदिक दृष्टिकोण(Constipation: An Ayurvedic Approach and Treatment)

  कब्ज: एक आयुर्वेदिक दृष्टिकोण(Constipation: An Ayurvedic Approach and Treatment) कब्ज (Constipation) एक आम समस्या है जो पाचन तंत्र की गड़बड़ी के कारण होती है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और लंबे समय तक बनी रहने पर कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, कब्ज का मुख्य कारण हमारे शरीर में वात दोष का असंतुलन है। जब वात दोष बढ़ जाता है, तो आंतों की गति धीमी हो जाती है, जिससे मल कठोर और सूखा हो जाता है। • कब्ज के प्रमुख कारण: 1. असंतुलित आहार: रेशे (फाइबर) की कमी, अधिक तली-भुनी या प्रोसेस्ड फूड का सेवन। 2. पानी की कमी: शरीर में जल की कमी से मल सूखा और कठोर हो जाता है। 3. शारीरिक गतिविधि की कमी: नियमित व्यायाम न करना पाचन को प्रभावित करता है। 4. मानसिक तनाव: चिंता और तनाव पाचन तंत्र को कमजोर करते हैं। 5. अनियमित दिनचर्या: देर रात तक जागना, समय पर भोजन न करना, और अनुचित खानपान। 6. अधिक चाय या कॉफी का सेवन: इससे शरीर में निर्जलीकरण होता है और पाचन तंत्र प्रभावित होता है। कब्ज के लक्षण: •मल त्याग में कठिनाई •पेट में भारीपन और गैस •सिरदर्द और चिड़चिड़ा...

बालों को लंबा और घना बनाने के आयुर्वेदिक उपाय (make hair long and thick)

  बालों को लंबा और घना बनाने के आयुर्वेदिक उपाय घने और लंबे बाल हर किसी का सपना होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ और घने बाल तभी संभव हैं जब शरीर और मन दोनों स्वस्थ हों। बालों का स्वास्थ्य वात, पित्त, और कफ दोष के संतुलन पर निर्भर करता है। असंतुलन होने पर बाल झड़ने लगते हैं, कमजोर हो जाते हैं या उनकी ग्रोथ रुक जाती है। आयुर्वेदिक उपाय न केवल बालों की समस्याओं का समाधान करते हैं, बल्कि बालों को प्राकृतिक रूप से लंबा और घना बनाने में भी मदद करते हैं। बालों के गिरने और कमजोर होने के कारण 1. पोषण की कमी: प्रोटीन, विटामिन, और खनिज की कमी बालों को कमजोर बनाती है। 2. पित्त दोष का असंतुलन: अधिक गर्म या तला-भुना खाना खाने से बाल कमजोर होते हैं। 3. अत्यधिक तनाव: मानसिक तनाव बालों के झड़ने और उनकी ग्रोथ रुकने का कारण बनता है। 4. रासायनिक उत्पाद: शैंपू, कंडीशनर और हेयर कलर जैसे रसायन बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। 5. जीवनशैली: नींद की कमी, पानी की कमी, और प्रदूषण बालों को कमजोर करते हैं। आयुर्वेदिक तरीके बालों को लंबा और घना बनाने के लिए 1. आयुर्वेदिक तेल मालिश (Oil Massage): बालों की ग्र...

रूसी ( hair Dandruff) उपचार/ बाल झड़ने की समस्या Ayurveda

                      रूसी (Dandruff) परिचय :-  रुसी सिर में मरी हुई त्वचा के कण होते हैं, जो नई त्वचा के आने से हटते रहते हैं। इन्हीं कणों को रूसी कहते हैं। यह रोग स्त्री और पुरुष दोनों में ही पाया जाता है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि उनके बालों में होने वाली रूसी तैलीय है या रूखी। रूखी रूसी के कण बहुत ही छोटे होते हैं, जो सिर की त्वचा से चिपके या बालों में फैले रहते हैं। ऐसी रूसी में बहुत खुजली होती है। जबकि तैलीय रूसी छोटे कणों के साथ सीबम से मिली होती है। कई बार रूसी ज्यादा हो जाने से बालों का गिरना भी शुरू हो जाता है।      रूसी बालों की सबसे बड़ी दुश्मन है। इसके कारण बाल अपना आकर्षण खो देते हैं। इस रोग के कारण सिर पर खुश्की होकर सफेद-सफेद रूसी बालों में हो जाती है। जब बालों में ब्रश या कंघा करते हैं या बालों को रगड़ते हैं तो यह बालों से निकलकर बाहर गिरने लगती है। यह खोपड़ी पर दाने या पपड़ी के रूप में भी निकल सकती है। यदि इन्हें बालों से बाहर न निकाला जाए तो यह वहां के रोमकूपों को बंद कर देती है।  ...

आयुर्वेद से ऊंचाई बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय(Natural remedies to increase height with Ayurveda)

  आयुर्वेद से ऊंचाई बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली, न केवल रोगों को ठीक करने के लिए जानी जाती है, बल्कि यह शरीर के समग्र विकास और संतुलन को भी बढ़ावा देती है। यदि आप अपनी ऊंचाई बढ़ाना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। हालांकि, यह जानना ज़रूरी है कि ऊंचाई मुख्यतः आनुवंशिक कारणों पर निर्भर करती है, लेकिन सही आहार, व्यायाम, और जीवनशैली से इसे बेहतर बनाया जा सकता है। ऊंचाई बढ़ाने में आयुर्वेद का दृष्टिकोण आयुर्वेद के अनुसार, शरीर का विकास वात, पित्त और कफ दोषों के संतुलन पर निर्भर करता है। अगर ये दोष संतुलित हैं, तो शरीर का विकास सही ढंग से होता है। आयुर्वेद में विशेष जड़ी-बूटियों, आहार, और योग को अपनाकर हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में सुधार किया जा सकता है। 1. आयुर्वेदिक आहार और जड़ी-बूटियां आहार शरीर के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेद में निम्नलिखित जड़ी-बूटियों और खाद्य पदार्थों को ऊंचाई बढ़ाने में सहायक माना गया है: अश्वगंधा अश्वगंधा (Withania Somnifera), जिसे "भारतीय जिनसेंग" भी कहते हैं, शरीर की...

सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक टिप्स(Ayurvedic tips for health in winter)

  सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक टिप्स सर्दियों का मौसम जहां ठंडक और आरामदायक अनुभव देता है, वहीं यह शरीर को ठंड से बचाने और बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए विशेष ध्यान देने का भी समय है। आयुर्वेद, जो एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, सर्दियों में स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स दिए जा रहे हैं। --- 1. आहार का ध्यान रखें:- सर्दियों में शरीर को गर्म रखने और ऊर्जा प्रदान करने के लिए विशेष प्रकार के आहार की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद के अनुसार, इस मौसम में पाचन शक्ति बढ़ जाती है, इसलिए पौष्टिक और भारी भोजन को आसानी से पचाया जा सकता है। गर्म और ताजा खाना खाएं: सर्दियों में ताजा पका हुआ गर्म भोजन करें। ठंडा और बासी खाना खाने से बचें। सूप और दलिया: मसूर, मूंग, और सब्जियों से बना गर्म सूप पाचन को बढ़ावा देता है। गुड़ और तिल: तिल और गुड़ से बनी चीजें जैसे लड्डू शरीर को गर्म रखते हैं और त्वचा को मुलायम बनाते हैं। ड्राई फ्रूट्स: बादाम, अखरोट, और किशमिश का सेवन करें। ये शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं। घी और मक्खन: देसी घी और मक्खन का सीमित मात्रा में उपयोग करना लाभका...

Ayurvedic knowledge बालों का सफेद होना (Hair Greying)

  बालों का सफेद होना (Hair Greying) बालों का सफेद होना (Hair Greying)   परिचय:- वैसे देखा जाए तो बढ़ती उम्र के साथ-साथ बालों का सफेद होना आम बात है, लेकिन समय से पहले बालों का सफेद हो जाना एक प्रकार का रोग है। जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके बाल दिनों दिन सफेद होने लगते हैं। बालों का सफेद होना एक चिंता का विषय है और विशेषकर महिलाओं के लिए। यदि बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं तो व्यक्ति की चेहरे की सुन्दरता अच्छी नहीं लगती है। इसलिए बालों के सफेद होने पर इसका इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है।     बालों के सफेद होने का कारण:-  1. असंतुलित भोजन तथा भोजन में विटामिन `बी´, लोहतत्व, तांबा और आयोडीन की कमी होने के कारण बाल सफेद हो जाते हैं।    2. मानसिक चिंता करने के कारण भी बाल सफेद होने लगते हैं।    3. सिर की सही तरीके से सफाई न करने के कारण भी व्यक्ति के बाल सफेद होने लगते हैं।  4. कई प्रकार के रोग जैसे- साईनस, पुरानी कब्ज, रक्त का सही संचारण न होना आदि के कारण बाल सफेद हो सकते हैं।  5. रसायनयुक्त शैम्पू, साबुन, त...

बाल झड़ने की समस्या और आयुर्वेदिक उपचार (Hair Fall in Ayurveda)

  बाल झड़ने की समस्या और आयुर्वेदिक उपचार (Hair Fall in Ayurveda) बाल झड़ना (केशपात) आज के समय में एक आम समस्या बन गई है। आयुर्वेद में बालों की सेहत को शरीर के तीन दोषों (वात, पित्त, और कफ) के संतुलन से जोड़ा गया है। जब इन दोषों में असंतुलन होता है, तो इसका असर बालों की जड़ों और स्कैल्प पर पड़ता है, जिससे बाल झड़ने लगते हैं। बाल झड़ने के लक्षण (Symptoms of Hair Fall) 1. बालों का पतला होना: धीरे-धीरे बालों का घनत्व कम हो जाना। 2. गंजापन (Bald Patches): सिर के कुछ हिस्सों पर बालों का गायब होना। 3. कंघी करते समय बालों का टूटना: सामान्य से अधिक बालों का टूटना। 4. स्कैल्प का सूखा और परतदार होना: खुजली और रूसी का बनना। 5. बालों का समय से पहले सफेद होना: युवावस्था में ही बालों का सफेद होना। 6. जड़ों का कमजोर होना: हल्के खिंचाव पर भी बाल टूट जाना। बाल झड़ने के कारण (Causes of Hair Fall in Ayurveda) 1. पित्त दोष का असंतुलन: तीखा, तला-भुना और मसालेदार भोजन अधिक खाना। अत्यधिक तनाव और गुस्सा। 2. वात दोष का असंतुलन: शारीरिक कमजोरी और पोषण की कमी। बालों की सही देखभाल का अभाव। 3. कफ दोष का प्रभाव...

Ayurvedic knowledge unsustainable velocity (अधारणीय वेग)

  अधारणीय वेग( (वे वेग जो कभी नहीं रोकना चाहिए) १३ प्रकार के वेग किसी न किसी शरीर क्रिया से संम्बन्धित है जो स्वभाविक होते हैं। उन्हें यदि रोका जाता हैं तो अनेको व्याधियाँ उत्पन्न हो जाती है। जिन्हें बुद्धिमान व्यक्ति कभी नहीं रोकते है। •>मूत्र रोकने से होने वाले रोग मूत्र कृच्छ, पेशाब में जलन, पेडू में दर्द, शिर में वेदना। •>पुरीष (मल) वेग को रोकने से होने वाले रोग सिर में दर्द, कोष्ठ वद्धता, आध् मान, उदरशूल। •>शुक्रवेग को रोकने से होने वाले रोग वृषण में दर्द, अंगमर्द, हृदय में वेदना, मूत्र का रूक-रूक कर आना। •>अपान वायु के वेग को रोकने से होने वाले रोग वात व्याधियाँ, कब्ज, उदर शूल, थकान, आध्मान। •>वमन का वेग को रोकने से होने वाले रोग कण्डू, भोजन में अरूचि, पाण्डू, ज्वर, चर्म विकार। •>छींक का वेग रोकने से होने वाले रोग शिरःशूल, जीर्ण, प्रतिश्याय, अर्दित। •>डकार के वेग को रोकने से होने वाले रोग हृदय और छाती में जकड़ाहट। हिचकी, श्वास, भोजन में अरूचि •>जम्हाई के वेग को रोकने से होने वाले रोग आक्षेप, शून्यता, शरीर तथा हाँथ पैरो में कम्प, उर्ध्वजत्रगुत रोग। •...

Ayurvedic knowledge शयन के नियम/Bedtime Rules

             *शयन के नियम/Bedtime Rules :-* 1. *सूने तथा निर्जन* घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। *देव मन्दिर* और *श्मशान* में भी नहीं सोना चाहिए। *(मनुस्मृति)* 2. किसी सोए हुए मनुष्य को *अचानक* नहीं जगाना चाहिए। *(विष्णुस्मृति)* 3. *विद्यार्थी, नौकर औऱ द्वारपाल*, यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों, तो *इन्हें जगा* देना चाहिए। *(चाणक्यनीति)* 4. स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु *ब्रह्ममुहुर्त* में उठना चाहिए। *(देवीभागवत)* बिल्कुल *अँधेरे* कमरे में नहीं सोना चाहिए। *(पद्मपुराण)* 5. *भीगे* पैर नहीं सोना चाहिए। *सूखे पैर* सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है। *(अत्रिस्मृति)* टूटी खाट पर तथा *जूठे मुँह* सोना वर्जित है। *(महाभारत)* 6. *”नग्न होकर/निर्वस्त्र”* नहीं सोना चाहिए। *(गौतम धर्म सूत्र)* 7. पूर्व की ओर सिर करके सोने से *विद्या*, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से *प्रबल चिन्ता*, उत्तर की ओर सिर करके सोने से *हानि व मृत्यु* तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से *धन व आयु* की प्राप्ति होती है। *(आचारमय़ूख)* 8. दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु *ज्येष्ठ मास* में द...

Ayurvedic knowledge

❤️❤️          चूना:- (Pan ke saath Khane wala) 💜चूना अकेले ही 70 बीमारियां ठीक करता है 💚गेंहू के दाने के बराबर चूना,गन्ने के रस में, गुड़ में आदि सर्वोत्तम है 💚खाली पेट चुना खाये तो सबसे अधिक लाभ है, रस या गुड़ के साथ 💚खून की कमी हो,तो अनार के रस में चूना मिलाकर खाये 💚जिस किसी को पीलिया हो, गन्ने के रस में गेंहू के दाने के बराबर प्रतिदिन चुना दे, पीलिया बहुत जल्दी ठीक होता है 💚अगर किसी को लीवर मे सुजन आ जाए तो चुने से सबसे जल्दी ठीक होता है 💚जिन्होंने शराब पी पी के अपने लीवर खराब कर लिए है, उनकी सबसे अच्छी दवा चुना है 💚यदि गन्ने का रस ना हो तो गुड़ में मिलाकर चूना दे 💚जिन बच्चों की लंबाई नही बढ़ रही हो, उन्हें गन्ने के रस या गुड़, या दाल या दही या फिर हल्के गुनगुने पानी में गेंहू के दाने के बराबर चूना दे, 1 साल तक 💚जो बच्चे दिमाग से थोड़े कमजोर बच्चे होता है या जो देर मे सुनते औऱ समझते है,या देर में चलना सीखते है उन्हें भी 2 साल लगातार चूना दे 💚जो बच्चे बहुत कमजोर है, जिनकी हड्डियाँ दिखाई देती है, ऐसे बच्चो के लिए चुना सबसे अच्छी दवा है 💚किसी को भी दांत मे...

Ayurveda

                              Navel/नाभि:- 💚गर्भ की उत्पत्ति नाभी के पीछे होती है और उसको माता के साथ जुडी हुई नाडी से पोषण मिलता है और इसलिए मृत्यु के तीन घंटे तक नाभी गर्म रहती है। 💚गर्भधारण के नौ महीनों अर्थात 270 दिन बाद एक सम्पूर्ण बाल स्वरूप बनता है। नाभी के द्वारा सभी नसों का जुडाव गर्भ के साथ होता है। इसलिए नाभी एक अद्भुत भाग है। 💚नाभी के पीछे की ओर पेचूटी या navel button होता है।जिसमें 72000 से भी अधिक रक्त धमनियां स्थित होती है 💚हमारी नाभी को मालूम रहता है कि हमारी कौनसी रक्तवाहिनी सूख रही है,इसलिए वो उसी धमनी में तेल का प्रवाह कर देती है। 💚जब बालक छोटा होता है और उसका पेट दुखता है तब हम हिंग और पानी या तैल का मिश्रण उसके पेट और नाभी के आसपास लगाते थे और उसका दर्द तुरंत गायब हो जाता था।बस यही काम है तेल का। 💚नाभी में गाय का शुध्द घी या तेल लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है। 💜आँखों का शुष्क हो जाना:- नजर कमजोर हो जाना, चमकदार त्वचा और बालों के लिये सोने से पहले 3 से 7 बूँदें श...

Knowledge of Ayurveda.

                   *अगर ब्लैडर चोक हो जाए...*            मूत्राशय भरा हुआ है,  और पेशाब नहीं हो रहा है,  या पेशाब करने में असमर्थ हो रहे हैं.. तो क्या करें?? 👉 यह एक प्रसिद्ध एलोपैथी चिकित्सक 70 वर्षीय ईएनटी विशेषज्ञ का अनुभव है।   आइए सुनते हैं अनुठा अनुभव..👉    एक सुबह वे अचानक उठे। उन्हें मुत्रत्याग करने की जरूरत थी, लेकिन वे कर नहीं सके (कुछ लोगों को बाद की उम्र में कभी-कभी यह समस्या होती है)। उन्होंने बार-बार कोशिश की, लेकिन लगातार कोशिश नाकाम रही। तब उन्होंने महसूस किया कि एक समस्या खड़ी हो गयी है। एक डॉक्टर होने के नाते, वे ऐसी शारीरिक समस्याओं से अछूते नहीं थे; उनका निचला पेट भारी हो गया। बैठना या खड़े़ रहना दुस्वार होने लगा, तल-पेट में दबाव बढ़ने लगा । तब उन्होंने एक जाने-माने यूरोलॉजिस्ट को फोन पर बुलाया और स्थिति के बारे में बताया। मूत्र-रोग विशेषज्ञ ने उत्तर दिया: "मैं इस समय एक बाहरी क्षेत्र के अस्पताल में हूँ, और आपके क्षेत्र के क्लिनिक में दो घंटे में पहुँच पा...

Knowledge of Ayurveda 5 superfoods

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  5 superfoods that will nourish your skin this winter As winter settles in, it brings with it a host of challenges for our skin. The cold air and dry indoor heating can lead to dryness, dullness, and irritation. To combat these winter woes, incorporating superfoods into your diet can provide essential nutrients that nourish and protect your skin. Superfoods are nutrient-rich foods that offer numerous health benefits, and including them in your meals can help maintain a glowing complexion throughout the colder months. During winter, out skin needs extra care to stay hydrated and healthy. A healthy diet plays a vital role in this process by providing antioxidants, vitamins, and minerals that support skin health. It can help combat dryness, reduce inflammation, and promote collagen production, which is necessary for maintaining skin elasticity and firmness. Here are five superfoods that can greatly benefit your skin this winter Sweet Potatoes: Sweet potatoes are a great source of be...

Knowledge of Ayurveda..

खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा ये जानना बहुत जरुरी है ...    हमने रोटी खाई,हमने दाल खाई,हमने सब्जी खाई, हमने दही खाया लस्सी पी , दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि|, ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया ये सब कुछ हमको उर्जा देता है और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है | पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय" उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"| उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है " epigastrium "| ये एक थेली की तरह होता है और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है। ये बहुत छोटा सा स्थान हैं इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है |  हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है| आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"। |ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है । ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी | यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई| ये अग्नि तब तक ...