Inside: Ringworm, scabies, itchy skin disease with Ayurveda
*दाद, खाज, खुजली या कोई भी त्वचा रोग का परम्परागत एवं प्राकृतिक संहारक अद्भुत तेल...*
*घटक...*
*● चिरायता*
*● हल्दी*
*● नीम की छाल*
*● लाल चन्दन*
*● हरड़*
*● बहेड़ा*
*● आंवला*
*● अडूसे के पत्ते*
*बनाने की बिधि...*
उपरोक्त सभी चीजो को समान मात्रा में ले और
सभी सामग्री को 5 से 6 घंटे के लिए पानी में भिगो दे,
इसके बाद इसे निकाल कर इसको पीस कर लुगदी बना ले।
जितनी मात्रा लुगदी (कल्क) की हो,
उस से चार गुना तिल्ली का तेल और
तेल से चार गुनी मात्रा में पानी मिला कर एक बड़े बर्तन में डाले।
फिर इसे धीमी-धीमी आंच पर इतनी देर पकाए कि पानी जल जाए और सिर्फ तेल बचे।
अब इस तेल को शीशी में भर कर रख लें।
जहाँ भी खुजली हो, दाद हो वहाँ या पूरे शरीर पर इस तेल की मलिश करें।
यह तेल चमत्कारी प्रभाव करता है।
लाभ होने तक यह मालिश जारी रखें।
मालिश स्नान से पहले या सोते समय करें और चमत्कार देखें।
*कारण...*
खून की खराबी के कारण खुजली हो जाती है।
यह रोग अधिक खतरनाक नहीं है, लेकिन यदि असावधानी बरती जाती है तो यह रोग जटिल बन जाता है।
इसलिए रोगी को खाने-पीने के मामले में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
जहां तक हो सके, बाजार के खुले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
यदि रोग बड़े पैमाने पर हो तो नमक और नमकीन चीजों को खाना बंद कर दें इसके साथ-साथ इमली, अचार, नीबू, टमाटर, तेल, लाल मिर्च, चाय आदि का सेवन त्याग देना चाहिए।
यह एक संक्रामक रोग है यदि घर में किसी एक व्यक्ति को खुजली हो जाती है तो यह धीरे-धीरे परिवार के सभी सदस्यों को घेर लेती है।
यह गरम चीजें खाने, छूने, श्वास के साथ जीवाणु फैलने, गलत इंजेक्शन लगवाने, शराब पीने, गुटका या पान तम्बाकू खाने आदि के कारण भी हो जाती है।
त्वचा पर लाल रंग के चित्तीदार दाने निकल आते हैं और इनमें बहुत अधिक खुजली होती है।
रोगी उसे खुजाते खुजाते दु:खी हो जाता है, खुजली में जलन होती है तथा धीरे-धीरे लाल ददोरे पड़ जाते हैं।
कई बार खुजाते हुए ददोरे छिल जाते हैं और उनमें से खून निकल आता है।
पक जाने पर पतला पानी-सा पीप रिसने लगता है।
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