जिंक (Zn) /एंजाइम की संरचना/शरीर में संतुलित मात्रा में जिंक zinc usse in Ayurveda
जिंक (Zn) एक कोफैक्टर (cofactor) के रूप में एंजाइमों के साथ काम करता है, जो उनके कार्यों को सक्रिय और नियंत्रित करता है। यह विभिन्न एंजाइमों की क्रियाओं में सहायता करता है, जिनका शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यहाँ बताया गया है कि जिंक कैसे एंजाइमों की मदद करता है: 1. एंजाइम की संरचना को स्थिर बनाना: जिंक एंजाइम की संरचना को स्थिर और कार्यशील बनाए रखने में मदद करता है। यह एंजाइम को सही आकार में बनाए रखता है ताकि वे अपने कार्यों को कुशलतापूर्वक कर सकें। 2. एंजाइम की सक्रियता बढ़ाना: जिंक एंजाइम के सक्रिय केंद्र (active site) में उपस्थित होकर रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तेज करता है। यह सब्सट्रेट (substrate) को एंजाइम से सही ढंग से जुड़ने में मदद करता है। 3. विशेष एंजाइमों के साथ कार्य: जिंक कई महत्वपूर्ण एंजाइमों की क्रिया में सहायक होता है: कार्बोनिक एनहाइड्रेज (Carbonic Anhydrase): यह एंजाइम कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को बाइकार्बोनेट में परिवर्तित करता है, जो शरीर के एसिड-बेस बैलेंस को बनाए रखता है। डीएनए और आरएनए पॉलीमरेज़: ये एंजाइम डीएनए और आरएनए के संश्लेषण के लिए आवश्यक है...